24 जनवरी – निजी स्कुलो और बिजली कंपनियो को कोर्ट से राहत नहीं मिली
दिल्ली सरकार द्वारा निजी स्कुलो में डोनेशन द्वारा एडमिशन पर लगाई रोक के खिलाफ निजी स्कुलो द्वारा की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नर्सरी दाखिले पर रोक से इनकार से इंकार कर दिया. याचिका पर सुनवाई करने के लिए कोर्ट ने 31 जनवरी की तारीख दी. एडमिशन के लिए निजो स्कुलो द्वारा प्रबंधन कोटे के नाम पर मोटा डोनेशन वसूला जाता है. लेकिन इससे पहले किसी सरकार ने इस पर पाबन्दी नहीं लगाईं. आम आदमी पार्टी सरकार बनने के बाद केजरीवाल ने साफ कर दिया की शिक्षा पैसा कमाने का मध्यम नहीं हो सकता. इस निर्णय के खिलाफ गैर सहायता प्राप्त निजो स्कुलो ने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय और बाद में सर्वोच्च न्यायालय की गुहार लगाई. लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी बिजली कंपनियों की सीएजी ऑडिट पर रोक लगाने से से इनकार कर दिया. पिछले एक साल से केजरीवाल दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली निजी कंपनियों के ऑडिट की मांग कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने आन्दोलन भी किया और उपवास भी. पूर्व के कांग्रेस सरकार बार बार कहती आई की बिजली कंपनियों का ऑडिट करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. जबकि इसी तरह के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट अपना निर्णय दे चूका है. आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा लिए गए इस अहम् फैसले पर भी न्यायालय ने सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से इंकार कर दिया.
आम आदमी पार्टी ने आज दिल्ली पुलिस पुलिस की ‘बर्बरता’ का एक विडियो जारी किया. इस विडियो में 3 पुलिस कर्मी एक युवक को बुरी तरह पिटते दिखाई दिए. और पिटाई के बाद पुलिस कर्मियों ने युवक का बटुवा भी छीन लिया था. 11 जनवरी को रिकॉर्ड हुआ यह विडियो जब “आप” के हाथ लगा तो उन्होने इस सोशल मीडिया पर जारी कर पुलिस कर्मियों के खिलाफ कारवाही की मांग की. इस विडियो को जारी करने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया.
अरविन्द केजरीवाल द्वारा किये गए धरने की राजनैतिक पार्टियों और मीडिया ने भले निंदा की हो, आम जनता इस मुद्दे पर भी केजरीवाल के साथ दिखी. केजरीवाल के धरने के बाद किए गए सर्वे में अधिकतर लोगो ने केजरीवाल के समर्थन में राय दी. इस धरने के बाद भी 62% लोगो ने केजरीवाल को दिल्ली का सबसे बेहतर मुख्यमंत्री माना.
https://www.youtube.com/watch?v=0dYEa0yBfUc