मोदी विरोधी गठबंधन के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम का एक प्रस्ताव

आज फिर एक व्यक्ति देश से बड़ा हो गया है, मोदी हटाओ देश बचाओ के नारे के साथ पुरे विपक्ष को साथ लाने का प्रयास जारी है।  एक दूसरे के धुर विरोधी नेता एक मंच पर आ रहे है, जो कार्यकर्ता सालो से एक दूसरे के खिलाफ लड़ते आये है उन्हें साथ लाने की कोशिश जारी है। कहा जा रहा है की मोदी और अमित शाह की जोड़ी देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है और यदि बीजेपी दोबारा सत्ता में आ जाए तो लोकतंत्र को खत्म कर देंगे, देश में तानाशाही…

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Politics 

कुछ सवाल कपिल मिश्रा जी से

अरविंद केजरीवाल या आम आदमी पार्टी को घेरने का मौका मिले तो मैं छोड़ता नही। आज दिल्ली के एक पूर्व मंत्री ने सीधे अरविंद केजरीवाल पर 2 करोड़ नगदी लेने का आरोप लगाया। आरोपो से साथ कोई पक्के सबूत होते तो जरूर केजरीवाल से तीखे सवाल करता। लेकिन कपिल मिश्रा की के प्रेस कॉन्फ्रेंस खुद मिश्रा जी पर कई सवाल खड़े करती है। सवाल पूछने से पहले मिश्रा जी का परिचय दे दु। ये वही विधायक है जिन्होंने 28 मार्च 2015 को 95 साल के बुजुर्ग शांती भूषण पर अपने…

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वन्दे मातरम! भारत माता की जय

वन्दे मातरम! भारत माता की जय  नारों के साथ ही अपने लेख की शुरुवात कर रहा हु. कुछ लोगो शर्त रखी है की देशभक्त हो तो नारा लगाओ. वो लोग भी इस लेख पढ़े इसलिए पहले ही नारा लगा रहा हु. साथ ही यह भी कह दू की यदि किसी ने भारत में रहते हुए “पाकिस्तान जिंदाबाद” का नारा लगाया, भारत के तुकडे तुकडे करने की बात कही तो उसपर देशद्रोह का मुकदमा चले और कानूनन सख्त से सख्त सजा दी जाए. मैं तो यह भी कहूँगा की कानून बदल…

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Andolan Politics 

What makes the #AAPKaStrongLokpal weakest ever in the history?

Neither a bill nor an institution can become strong just by calling it strong. Its only when you have surrendered all your wisdom to someone that their voice becomes your voice. I would never advice you to surrender your wisdom to me, but put up a few arguments in support of my claim. Today, one of the strongest governments in Indian history, the AAP government in Delhi has passed one of the weakest Lokpal bills ever proposed. Ironically AAP is the party born out Jan Lokpal Movement, that has brought the…

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क्या आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए?

विज्ञान अब तक इतनी प्रगति नहीं कर पाया की हम अपने माता पिता चुन सके. मेरा जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जिसे सवर्ण माना जाता है. छात्र जीवन में जब मेडिकल या मनचाहे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिलने में दिक्कते आई तब आरक्षण से कोफ़्त हुई, खुद को बहोत कोसा भी की मैं क्यों ऐसे परिवार में पैदा हुआ. लेकिन बढ़ती उम्र के साथ परिपक्वता आई, ये समझ आने लगा की हमारे समाज बहोत बड़ी विषमता है, आज भी समाज का एक बड़ा वर्ग उन संसाधनों से वंचित है…

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दिल्ली में छात्र चुनाव – “आप” के लिए सुनहरा अवसर

सितम्बर माह में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र चुनाव होंगे और खबरे आ रही है की आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई CYSS इन चुनावो में हिस्सा लेगी. “आप” और देश के लिए यह एक सुनहरा अवसर है चुनाव सुधार की प्रक्रिया को आरंभ करने का. छात्र देश का भविष्य है, छात्र चुनाव में सुचिता स्थापित कर साफ सुथरी राजनीति की और अग्रसर एक नयी पीढ़ी तैयार हो सकती है. छात्र जीवन में साफ सुथरी राजनीति का अनुभव लेकर बाहर निकलने वाली पीढ़ी से निश्चित उम्मीद रखी जा सकती है की…

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300 दामिनियो पर इतनी ख़ामोशी क्यों?

मेरा बचपन भी एक साधारण परिवार में गुजरा है लेकिन जिस तबके की ये कहानी है उसमे पले बढे शायद ही कोई हो जिन तक मेरा यह ब्लॉग पहुंचे. मेरा दावा है की जिनकी मानवीय संवेदनाये अब तक जिन्दा है ऐसे लोग इस कहानी को पढ़ने के बाद शायद ही सहज महसूस कर पाए. कोबरापोस्ट नामक एक वेबसाइट ने कुछ दिनों पहले दिल्ली में प्रेस वार्ता कर एक बड़ा खुलासा करने का दावा किया. मुझे यह जानकारी ट्विटर पर पता लगी. रात को टीवी के सभी चैनल पलट कर देख…

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Politics 

आजाद भारत. और युवा?

जिस दिन इस देश का युवा सही मायनो में आजाद हो जायेगा, देश को बदलते समय नहीं लगेगा। जरुरी है की हम आजादी के सही मायनो को समझे। कही अनजाने में हम अपने देश को गुलामी की और तो नहीं धकेल रहे?

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