हरियाणा सरकार तक “आप” का प्रभाव, दिल्ली पुलिस अप्रभावित
मालवीया नगर विधान सभा के खिरकी एक्सटेंशन इलाके के लोग कई सालो से परेशान थे. उनकी शिकायत थी की उस इलाके में कुछ विदेशी लोग ड्रग्स और जिस्मफरोशी का व्यवसाय करते है. इसकी शिकायत उन्होंने कई बार पुलिस और अपने जनप्रतिनिधियों को की लेकिन कोई कारवाही नहीं हो पाई. इस बार उनके विधायक सोमनाथ भारती थे. जनता की शिकायत पर वो देर रात पुलिस को लेकर खिरकी एक्सटेंशन पहुंचे. इस तरह के काम रात को ही होते है इसलिए दिन में वह जाकर भी आप कुछ नहीं ढूंड सकते. सोमनाथ भारती ने पुलिस को वो मकान दिखाए जहा इस तरह के काम होते है, और वह रेड डालने का आग्रह किया. पुलिस ने बिना वारंट रात को रेड डालने से मना कर दिया. इस बात पर पुलिस और भारती के बिच बहस भी हुई. भारती के अनुसार इस तरह की आकस्मिक स्थितियों में रेड डालने का अधिकार पुलिस को है, लेकिन पुलिस ने कोई कारवाही नहीं की. दिल्ली का कानून मंत्री होने के बावजूद अपने क्षेत्र में होने वाली ऐसी गतिविधियों को रोकने में वो असमर्थ थे. ऐसे गैरकानूनी कार्यो को रोकना पुलिस की जिम्मेदारी है. लेकिन स्थानीय लोगो की बार बार शिकायत और कानून मंत्री के खुद घटना स्थल पर पुलिस के साथ पहुँचने के बावजूद यदि कुछ नहीं हो सकता को एक आम आदमी किस तरह इसे रोक पायेगा?
दानिश महिला के साथ हुए बलात्कार, संगुरपुर में महिला को जलाये जाने की घटना और खिरकी एक्सटेंशन में चल रहे गैर क़ानूनी कार्यो, तीनो मामलों में पुलिस के बेरुखी के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रेस वार्ता में बयान दिया की दिल्ली पुलिस अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है. इन गंभीर मामलों पर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने वाले SHO को निलंबित करने की मांग की और चेतावनी दी की यदि कोई कारवाही नहीं होती है तो दिल्ली की जनता चुपचाप सहन नहीं करेगी.
इसके जवाब में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने बयान दिया की दिल्ली सुरक्षित है और पुलिस अपना काम जिम्मेदारी से कर रही है. SHO पर कारवाही की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया की इस पर जाँच करने के बाद ही मैं कुछ कह पाउँगा.
जनता की सालो पुरानी समस्याओ को चुटकी में हल करने वाला नायक आज दिल्ली पुलिस के सामने बेबस दिखाई दिया. प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के बावजूद उसके पास इतना अधिकार भी नहीं था की वो अपने प्रदेश की जनता को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ पुलिस के SHO को निलंबित कर सके. दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन होती है. वही केंद्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता और विपक्षी दल बीजेपी के नेता महिला सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था से जुड़े इन गंभीर मुद्दों पर भी राजनीति कर रहे थे. एक तरफ केजरीवाल पर कुछ न कर पाने का आरोप लग रहा था और दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के मंत्री खुद घटना स्थल पर पहुँचने के बावजूद दिल्ली पुलिस सहयोग नहीं कर रही थी.
दिल्ली की “आप” सरकार का प्रभाव आज हरयाणा में देखा गया. हरियाणा सरकार ने बिजली दरो में कई वृद्धि को वापस ले लिया. साथ ही किसानो को बिजली दरो में 60% तक छुट की घोषणा भी की गई. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार भी बिजली दरो में छुट की सम्भावना जाहिर कर चुकी है.
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