49 days of AAP - first dayPolitics 

वो 49 दिन – पहले ही दिन लिए कुछ अहम् फैसले


49 days of AAP - first day
28 दिसंबर 2013, वो ऐतिहासिक दिन जिसका लाखो को इन्तेजार था. दुनियाभर से केजरीवाल के कई दीवाने इस दिन का सपना देख रहे थे. मीडिया भी इन्तेजार में था इस सुबह के, इस ऐतिहासिक दिवस को सीधा प्रसारित करने के लिए. NMDC ने 15 एकड़ में फैले रामलीला मैदान को तैयार कर रखा था उन लाखो लोगो के लिए जो इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आ रहे थे. ये शायद पहला मौका था जब किसी मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर लोगो में इतना उत्साह हो, मानो पूरी दिल्ली रामलीला मैदान में आने को बेताब थी. और जो नहीं पहुँच सकते थे वो सुबह से टीवी के सामने बैठ गए इस अनोखे समारोह को देखने.

सुबह अखबारों में एक और जहा आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की खबर थी वही दूसरी मुख्य खबर थी 27 दिसंबर को एक टीवी चैनल द्वारा दिखाए गए स्टिंग ऑपरेशन की. केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले दिन सचिवालय में कर्मचारी दस्तावेजो को नष्ट करते दिखाए गए. अखबारों ने इसे केजरीवाल का खौफ बताया। जिन दस्तावेजो से पुराने घोटालो की पोल खुल सकती है, उन्हें हड़बड़ी में नष्ट करने का प्रयास किया गया.

शपथ ग्रहण समारोह के लिए बीजेपी की और से डॉ हर्षवर्धन आये लेकिन इस सरकार को समर्थन देने वाली कांग्रेस से कोई भी नेता इस समारोह में शामिल नहीं हुआ. इस सरकार को समर्थन देने के पीछे उनकी मंशा इसी से जाहिर हो गयी. पहले दिन रात को जी न्यूज़ ने एक और स्टिंग ऑपरेशन कर कांग्रेस के मंसूबो को साफ कर दिया था. इस विडियो में “आप” सरकार को समर्थन करने वाले कांग्रेस विधायक इस समर्थन के पीछे अपनी मंशा साफ करते दिखे. केजरीवाल के गुरु श्री अन्ना हजारे ने उन्हें पत्र लिख कर बधाई दी और विश्वास जताया की वो दिल्ली को एक अच्चा शासन देंगे. अन्ना हजारे ने कहा, “हम कई वर्षों से साथ हैं। मुझे विश्वास है कि वह अच्छा कार्य करेंगे।”

राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की शुरुवात हुई. दिल्ली के उपराज्यपाल श्री -नजीब जंग ने अरविन्द केजरीवाल और उनके सभी मंत्रियो को शपथ दिलवाई. शपथ ग्रहण होने के बाद राष्ट्रगान हुआ और औपचारिक रूप से शपथ ग्रहण समारोह पूरा हुआ.

उसके बाद “भारत माता की जय” के नारे के साथ जनता का नायक उन्हें संबोधित करने खड़ा हुआ. केजरीवाल ने अपने भाषण में प्रमुखता से निम्न बाते कही –

“आज मुख्यमंत्री पद की शपथ मैंने नहीं ली, आप सब ने ली है, दिल्ली की जनता ने ली है, यह मेरी या आम आदमी पार्टी की नहीं बल्कि आम आदमी की जित है। दिल्ली की जनता ने साबित कर दिया की आम आदमी बिना पैसो के, ईमानदारी के साथ चुनाव लड़ सकता है और जीत भी सकता है। अभी तो सिर्फ शुरुवात हुई है, लड़ाई लम्बी है, हम कुछ लोग मिलकर कुछ नहीं कर सकते. लेकिन दिल्ली के डेढ़ करोड़ लोग मिलकर अपनी हर समस्या का समाधान कर सकते है. अब सरकार 6 मंत्री नहीं बल्कि जनता चलाएगी। हम ऐसी व्यवस्था लाएंगे जिसमे आप सब मिलकर सरकार चला सको। दो साल पहले जनलोकपाल कानून की मांग को लेकर हम सबने इसी रामलीला मैदान से आंदोलन की शुरुवात की थी. लेकिन जब दो साल तक सडको पर चले जनांदोलन से भी इन नेताओ की आँखे नहीं खुली तब मजबूरी में हमें इस दलदल में उतरना पड़ा। राजनीति गन्दी है, देश की सारी समस्याओ का कारण भी यही गन्दी राजनीति है। हमें इसे साफ करेंगे और बहोत जल्द हमारा देश फिर सोने की चिड़िया बन जायेगा।”

अपने भाषण में उन्होंने संतोष को याद किया. अपने इस ऐतिहासिक भाषण में केजरीवाल ने एक भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का भरोसा दिलाते हुए कांग्रेस और बीजेपी से सहयोग करने का आवाहन किया। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओ और नेताओ को हाथ जोड़ कर विनती की, की वो सत्ता के अहंकार में न आये। उन्हें याद दिलाया की नेताओ के इसी अहंकार से त्रस्त आकर जनता ने आम आदमी पार्टी बनाई है। उन्होंने कहा की हम सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आये। इस सरकार को गिराने को लेकर हो रही साजिशो के बारे में केजरीवाल ने कहा – विश्वास प्रस्ताव में हम बहुमत साबित कर पाये या नहीं इसकी मुझे चिंता नहीं। दुबारा चुनाव हुए तो जनता हमें पूर्ण बहुमत से विजयी बनाएगी।

अपने भाषण में उन्होंने जनता से आवाहन किया की आप रिश्वतखोरो को पकड़वाओ, यदि कोई रिश्वत मांगे तो मना मत करो, उसका स्टिंग करके हम तक पहुँचाओ और हम उसपर कारवाही करेंगे. केजरीवाल के इतने कहने मात्र से अगले ही दिन कई भ्रष्टो की दुकाने बंद हो गई. केजरीवाल सरकार के तीसरे ही दिन न्यूज़ नेशन द्वारा कराये गए रियलिटी टेस्ट और उसके नतीजो पर पहले लिख चूका हु. उन्होंने समारोह में आये लाखो लोगो को बाकायदा शपथ दिलवाई – न रिश्वत दूंगा, न रिश्वत लूँगा. अंत में प्रार्थना हुई जिसे सबने दोहराया – “इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा”.

शपथ ग्रहण समारोह का यह भाषण न सिर्फ सभी चैनल्स पर सीधा प्रसारित किया गया बल्कि लोगो से इसे भाषण पर उनकी राय भी मांगी

केजरीवाल ने अपनी मंत्री परिषद् में 6 मंत्री शामिल किये – मनीष सिसोदिया को शिक्षा, सौरभ भरद्वाज को परिवहन, राखी बिडला को महिला तथा बाल कल्याण, सोमनाथ भारती को कानून, गिरीश सोनी को रोजगार तथा सत्येन्द्र जैन को स्वास्थ्य विभाग सौंपा गया. वित्त तथा गृह मंत्रालय केजरीवाल ने अपने पास रखा.

दिल्ली पुलिस के लगातार समझाने के बावजूद केजरीवाल ने सुरक्षा लेने से मना कर दिया। आम जनता का यह नायक, आम आदमी की तरह ही मेट्रो और निजी वाहनों में सफ़र कर दफ्तर पहुंचा। कमिश्नर (सुरक्षा) जे. के. शर्मा ने बयान दिया की हमने पूरी कोशिश की लेकिन वो सुरक्षा लेने को राजी नहीं है. 

शपथ ग्रहण कार्यक्रम होते ही दिल्ली के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियो ने कार्यभार संभाल लिया. कार्यालय में जाते ही उन्होंने पहला निर्णय लिया. वित्त सचिव, उर्जा सचिव तथा दिल्ली जल बोर्ड के कुछ अधिकारियो का तबादला कर दिया. उन्होंने बिजली, परिवहन, सतर्कता तथा दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियो के साथ बैठक की और 700 लीटर मुफ्त पानी और बिजली दरो में 50% कटौती के अपने चुनावी वादे के बारे में उनसे चर्चा की. सभी अधिकारियो को आश्वस्त किया गया की किसी के भी खिलाफ दुर्भावना से कारवाही नहीं की जायेगी. उन्हें आवाहन किया की आप जनहित में अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाते रहे. बैठक के बाद केजरीवाल ने मीडिया से कहा की बिजली और पानी के मुद्दे पर वो अगले एक सप्ताह में कुछ निर्णय ले लेंगे. पहली ही मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया की दिल्ली से VIP कल्चर को समाप्त किया जाएगा, और घोषणा की गई की कोई भी मंत्री लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करेगा. मुख्यमंत्री कार्यालय में पहले दिन केजरीवाल ने 6 घंटे काम किया.

जिम्मेदारी संभालते ही उनके निवास के बाहर केजरीवाल से मिलने वालो का ताँता लग गया। उदय फाउंडेशन नामक गैर सरकारी संस्था के संस्थापक राहुल वर्मा ने एक खुले पत्र के द्वारा AIIMS और सफदरजंग अस्पताल के बाहर परिजनों के लिए रैनबसेरों का इन्तेजाम करने की मांग की, साथ ही कड़ाके की सर्दियों के दौरान स्कूलों को रेन बसेरे की तरह इस्तेमाल करने की सलाह दी. कार्यालय में बेघर बच्चो की संस्था बढ़ते कदम की और से केजरीवाल को फैक्स आया, जिसमे उनकी समस्याओ को सुलझाने की गुजारिश की गई. उद्योगपतियों ने भी केजरीवाल की कार्यशैली में भरोसा जताया.

देश के इतिहास में कई बाते आज पहली बार हुई। मात्र एक साल पहले बनी पार्टी का नेता, एक आम आदमी मुख्य मंत्री बन गया। आम आज़मी की तरह मेट्रो में सफ़र कर वो शपथ लेने पहुंचा, लाखो लोगो के बिच रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह हुआ। समारोह के बाद भावनाओ से ओतप्रोत औरो जोशीला भाषण हुआ। पहले ही दिन मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियो ने 6 घंटे काम किया। दफ्तर संभालते ही VIP कल्चर समाप्त हो गया और कई अफसरों के ट्रान्सफर हो गए। ये सब देख नायक फ़िल्म की याद ताजा हो जाती है। लेकिन यह कोई कहानी नहीं, न ही यह एक दिन का मुख्य मंत्री है। इसी तरह अगले 49 दिनों तक इस जननायक ने ऐसे कई काम आसानी से कर दिखाए जिन्हें असंभव माना जाता था।

अगले दिन 29 दिसंबर का सफ़र

कुछ विडियो –

VIP कल्चर समाप्त – कोई मंत्री लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करेगा

केजरीवाल ने पहले ही दिन दिए कई अधिकारियो के तबादले के आदेश

केजरीवाल के पहले दिन की कुछ तस्वीरे

“आप” को समर्थन के पीछे अपनी मंशा जाहिर करते कांग्रेसी विधायक

 

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