2 जनवरी – विश्वास मत हासिल किया
इस देश का आम आदमी ईमानदारी से जीना चाहता है. हर वो आदमी जो भ्रष्टाचार के खिलाफ है, आम आदमी है. चाहे वो किसी रैन बसेरे में रहता हो या ग्रेटर कैलाश के किसी बंगले में.
“हम सबको सोचना होगा- ऐसी क्यों जरुरत पड़ी की हम जैसे आम आदमी जिन्होंने कभी नहीं सोचा था की वो चुनाव लड़ेंगे उन्हें राजनीति में उतरना पड़ा. इस देश के आम आदमी की जरूरते बहोत छोटी है. लेकिन हम पिछले 67 सालो में उसे ये तक नहीं दे पाए.