दिल्ली की सुरक्षा से समझौता नहीं. गृहमंत्री को दी आन्दोलन की चेतावनी
डेनिश महिला के साथ हुए बलात्कार के मामले में खुद केजरीवाल दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से मिलकर आये थे. खिरकी एक्सटेंशन में चल रहे ड्रग्स और जिश्मफरोशी के बाजार को रोकने खुद कानून मंत्री पुलिस को लेकर गए थे. संगुरपुर में जिन्दा जलाई गई महिला के सहयोग के लिए राखी बिरला खुद घटना स्थल पर गई थी. केजरीवाल ने इन घटनाओ में गैर जिम्मेदाराना हरकतों के लिए सम्बंधित SHO के निलंबन की मांग की थी. आज दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने SHO पर कारवाही की मांग को ठुकरा दिया. दिल्ली पुलिस के रवैय्ये से नाराज केजरीवाल आज उप राज्यपाल से मिले, उपराज्यपाल ने जाँच के आदेश दिए. मनीष सिसोदिया ने जाँच पूरी होने तक दोषी SHO के निलंबन की मांग की.
शाम को केजरीवाल और 3 मंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री सुशिल कुमार शिंदे से मिले और SHO के निलंबन की मांग रखी. बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा की उनकी मांगो को नहीं माना गया तो वो गृहमंत्रालय के सामने धरने पर बैठेंगे. मनीष सिसोदिया ने प्रेस को बयान देते हुए कहा की दिल्ली पुलिस दिल्ली सरकार के नियंत्रण में हो या न हो, हम चुप नहीं बैठेंगे. अब दिल्ली में शिला दीक्षित की सरकार नहीं है.
दिल्ली में पहले कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र में भी. इसके बावजूद वहा की कानून व्यवस्था चरमराई हुई थी. दिल्ली में सरकार बदलने के बाद “आप” के मंत्री हर गंभीर मामले में खुद घटनास्थल पर पहुँच रहे थे लेकिन पुलिस के सामने वो बेबस थे. मानो उन्हें बार बार जताया जा रहा हो की भले आप ने सरकार बना ली लेकिन हमारा आप कुछ नहीं बिगाड़ सकते.
केजरीवाल सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया था. महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था उनके मुद्दों में से अहम् मुद्दे थे. लेकिन सरकार बनाने के बावजूद वो कुछ नहीं कर पा रहे थे. कांग्रेस और बीजेपी उन्हें सहयोग करने के बजाय इन मुद्दों पर भी राजनीति कर रहे थे. अंतिम प्रयास के रूप में केजरीवाल ने गृह मंत्री से मिलकर अपनी मांगे रखी. गृह मंत्री भी यदि सहयोग न करे तो केजरीवाल के पास आन्दोलन के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचा था.
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