7 वा दिन – देश भर में “आप” की लहर

2 जनवरी को विश्वास मत हासिल करने की खबर के साथ आप विधायको की शालीनता पर भी लेख छपा. कांग्रेस और बीजेपी नेताओ द्वारा बहस के दौरान की गई कड़ी अलोचानोओं को “आप” विधायको ने बिना किसी तरह का हुडदंग मचाये शालीनता से सुना. सदन में दस्तावेज फाडे जाने, माइक तोड़ने या चप्पल जूते फेंकने की खबरे अक्सर आती है लेकिन शायद यह पहली बार हुआ की विधायको के शालीन व्यवहार को सराहा गया. शायद इसलिए क्योंकि आज के नेताओ से जनता को यह उम्मीद नहीं.

आज विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ जिसमे बीजेपी की और से जगदीश मुखी और “आप” की और से एम् एस धीर ने नामांकन भरा. कांग्रेस विधायको के समर्थन के साथ एम् एस धीर विधान सभा अध्यक्ष चुने गए.

शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया को बताया की दिल्ली में ऐसे 212 ठिकाने मिले है जहा बेघर लोग खुले में रात गुजारते है. उन्होंने 100 नए रैन बसेरे बनाने की घोषणा कर दी.

अब पुरे देश में “आप” की लहर चल पड़ी, कई शहरों से पूर्व पुलिस अफसर, नौकरशाहों इत्यादि की “आप” से जुड़ने की खबरे आने लगी. रॉयल बैंक ऑफ़ स्कॉटलैंड की पूर्व CEO मीरा सान्याल, इन्फोसिस के पूर्व डायरेक्टर वी. बालकृष्णन ने भी “आप” की सदस्यता ली. गुजरात में बीजेपी के पूर्व नेता डॉ कानू कलसारिया आप से जुड़े. हर शहर में आम आदमी “आप” से जुड़ने लगा, जगह जगह “आप” कार्यालय खुलने की खबरे आने लगी. आम जनता इस आन्दोलन के लिए अपनी और से आर्थिक सहयोग करने लगी.

“आप” की राजनीति का असर महाराष्ट्र में देखा गया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने बयान दिया की उनकी सरकार “आप” की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी बिजली की दरे कम करने पर विचार कर रही है. हालाँकि इस समस्या का स्थाई समाधान केवल बिजली कंपनियों के खातो की जाँच से संभव है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह ने अपने मंत्रियो को निर्देश दिया की सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बधाई जाये और भ्रष्टाचार को सख्ती से निबटा जाये.





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