कुछ सवाल कपिल मिश्रा जी से
अरविंद केजरीवाल या आम आदमी पार्टी को घेरने का मौका मिले तो मैं छोड़ता नही। आज दिल्ली के एक पूर्व मंत्री ने सीधे अरविंद केजरीवाल पर 2 करोड़ नगदी लेने का आरोप लगाया। आरोपो से साथ कोई पक्के सबूत होते तो जरूर केजरीवाल से तीखे सवाल करता। लेकिन कपिल मिश्रा की के प्रेस कॉन्फ्रेंस खुद मिश्रा जी पर कई सवाल खड़े करती है।
सवाल पूछने से पहले मिश्रा जी का परिचय दे दु। ये वही विधायक है जिन्होंने 28 मार्च 2015 को 95 साल के बुजुर्ग शांती भूषण पर अपने साथियों के साथ धावा बोला था, उन्हें पीटने के लिए। साथ मे नारे थे गद्दारो को बाहर करो। लक्ष्य साफ था केजरीवाल का विश्वास पात्र बनना। मैं और 50 से अधिक अन्य राष्ट्रीय परिषद के सदस्य इस घटना के बाद उस बैठक से वाक ऑउट कर गए। लेकिन दुर्भाग्य से केजरीवाल ये सब उस समय नही देख पाए। केजरीवाल की वफादारी के इनाम में मिश्रा जी को मंत्रालय में जगह मिल गई। राजनैतिक लाभ के लिए 95 साल के एक बुजुर्ग पर हमला कर सकने वाला आदमी कुछ भी कर सकता है, झुटे आरोप लगाना तो आसान है। अब कुछ सवाल –
1) पूरा देश जानता है कि आम आदमी पार्टी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। सरकार गिराये जाने और पार्टी टूटने की संभावनाएं पिछले कुछ दिनों से जताई जा रही है। यही सही मौका है केजरीवाल पर सीधा हमला कर इस पार्टी को पूरी तरह खत्म करने का। क्या ये केवल संयोग है कि इसी दौर में मिश्राजी केजरीवाल को 2 करोड़ नगदी लेते देख ले? उन्होंने कहा कि मैंने परसो देखा और कल रात भर सो नही पाया।
2) कल तक मिश्रा जी कह रहे थे कि वो दिल्ली की पिछली कांग्रेस सरकार के दौर में 2012 से 2015 के बीच हुए टैंकर घोटाले पर खुलासा करने वाले है। प्रेस वार्ता में तो उस घोटाले का जिक्र भी नही था। क्या मीडिया अटेंशन को देखते हुए समय पर रणनीति बदल कर सीधे केजरीवाल पर निशाना साधा गया? एसीबी को लिखे जिस पत्र का जिक्र करते हुए मिश्राजी कह रहे है कि उसके कारण मुझे निकाला गया, उस पत्र में तो केवल शिला दीक्षित जी का नाम है, केजरीवाल का जिक्र ही नही। बिना सोये पूरी रात गुजार दी जिस दृश्य को देखकर अगली सुबह एसीबी को लिखे पत्र में उसका जिक्र भी न हो?
3) कई दिनों से चर्चा चल रही है और कुछ बीजेपी नेताओं ने भी कहा है कि कुछ ही महीनों में दिल्ली की सरकार गिर जाएगी। यदि बेजीपी दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार को गिराने या पार्टी को तोड़ने के लिए आम आदमी पार्टी में भेदी को खोजे तो मिश्राजी से बेहतर और कौन हो सकता है? मिश्राजी की माताजी बेजीपी की नेता और बेजीपी टिकट पर दिल्ली की पहली मेयर रह चुकी है।
4) अरविंद केजरीवाल क्या भ्रष्ट होने के साथ मूर्ख भी है जो अपने किसी सहयोगी के बजाय खुद नगदी अपने हाथों ले और वो भी मिश्राजी के सामने। क्या कोई भ्रष्ट नेता इतनी बड़ी मूर्खता कर सकता है?
5) क्या ये संभव है कि पिछले 3 सालों से केजरीवाल की क्लोज कोटरी और उनके विश्वास पात्र मंत्री रहने के बावजूद मिश्राजी उनके खिलाफ कोई सबूत नही जुटा पाये, जबकि उनके हिसाब से केजरीवाल भ्रष्ट है।
6) इस गंभीर आरोप से जुड़े सबूत मिश्राजी जांच एजेंसियों को देंगे यहां तक तो समझ आता है लेकिन क्या कारण है कि वो इतना भी नही बता पा रहे कि इस लेन देन के समय वो वहां क्या कर रहे थे? नोट कौनसे थे? किस तरह दिए गए?
केजरीवाल हो या कोई और यदि पुख्ता सबूत है तो सख्त से सख्त करवाई हो। लेकिन किसी के आरोप लगाने या गवाही देने से यदि हम किसी को भृष्ट मानने लग जाए तो माननीय प्रधानमंत्री तो कातिल साबित हो जाएंगे। ऐसे गंभीर आरोपो के साथ राणा अय्यूब ने गुजरात फाइल्स नामक एक किताब छापी है।
Having seen the shrewd politician @KapilMishraAAP going to extent of manhandling an old man, I can't take his claims on face value.
— Dr. Rakesh Parikh (@drrakeshparikh) May 7, 2017
This is the perfect moment to hit AAP hard and finish it
Mishra who couldn't see anything in last 3 years saw it at this perfect moment
🤔— Dr. Rakesh Parikh (@drrakeshparikh) May 7, 2017
Is @ArvindKejriwal a fool in addition to being corrupt to accept cash by himself (not associates) and that too in front of @KapilMishraAAP 🤔
— Dr. Rakesh Parikh (@drrakeshparikh) May 7, 2017
If BJP wants to finish @AamAadmiParty who could be there best bet among insiders? An AAP minister who's mother is a BJP leader. No? 🤔
— Dr. Rakesh Parikh (@drrakeshparikh) May 7, 2017
Wasn't he going to make some expose on Tanker Scam that happened during previous congress govt. Why guns shifted to @ArvindKejriwal 🤔
— Dr. Rakesh Parikh (@drrakeshparikh) May 7, 2017
Being in the close coterie and cabinet of AK for 3 years, couldn't Mishra find a single credible evidence of corruption against him? 🤔
— Dr. Rakesh Parikh (@drrakeshparikh) May 7, 2017