अरविन्द “आप” को क्या हो गया?
AC कमरों और गाडियों का आराम छोड़कर जंतर मंतर पर बिना गद्दे और तकिये के बिताये वो दिन सचमुच यादगार है. ये वो दिन थे जब नींद 16 घंटे के बजाय 70 घंटे काम करने के बाद आती. और फिर 2 अगस्त की वो शाम जब अन्ना जी ने राजनैतिक विकल्प देने की घोषणा कर दी. टीवी पर खबर देखते ही पत्नी का फ़ोन आया. उसने कहा “तुरंत वापस आ जाओ. हमें बेवकूफ बनाया गया है. आन्दोलन के नाम पर हमारी भावनाओ से खेलकर ये लोग राजनीति कर रहे है”.…
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