19 जनवरी 2014 – दिल्ली पुलिस ने लगाई धारा 144

NDTV पर एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा की अभी सरकार बने 20 दिन ही हुए है। आप थोड़े दिन रुक जाइये, कांग्रेस समर्थन देकर पछताएगी। दिल्ली पुलिस ने कहा की इंडियन मिजाहिद्दीन यासीन भटकाल को छुड़ाने के लिए अरविंद केजरीवाल के अपहरण की साजिश रच रहा है इसलिए केजरीवाल को Z कैटेगरी की सुरक्षा लेने की सलाह दी गई। केजरीवाल फिरसे सुरक्षा लेने से इंकार कर इसे उनके धरने से ध्यान हटाने की एक राजनैतिक साजिश बताया। साथ ही उन्होंने कहा की ऐसी जानकरी सार्वजनिक कर पुलिस ने उनकी जान को खतरा बढ़ा दिया। अब कोई भी उन हमला कर इसका दोष इंडियन मुजाहिद्दीन पर मढ़ देगा। दिल्ली पुलिस ने आज केजरीवाल के धरने के मद्देनजर दिल्ली के कई इलाको में धारा 144 लागु कर दी। दिल्ली जिले के इन क्षेत्रो 5 से अधिक लोगो को एक साथ इकठ्ठा होने की अनुमति नहीं है।

दिल्ली में विदेशी महिला के साथ बलात्कार, एक महिला को जिन्दा जलाने और देहव्यापार और ड्रग्स के व्यापार जैसे गंभीर मसलो पर दिल्ली सरकार के गैर जिम्मेदाराना रुख से परेशान होकर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इन्हें निलंबित करने की मांग की थी. केजरीवाल ने गृहमंत्री से मिलकर, मांग न माने जाने की स्थिति में उनके कार्यालय के सामने धरना देने की चेतावनी दी थी. लेकिन गृहमंत्री पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ. दिल्ली का मुख्यमंत्री जनता की सुरक्षा करने में नाकाम पुलिसवालो को निलंबित भी नहीं कर पाया. संभव है की गृहमंत्री पुलिसवालो पर जादती न हो इसलिए इस मामले की पूरी जाँच के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहते थे. लेकिन इससे पहले गृहमंत्री 11 अप्रेल 2013 को 13 पुलिसवालों को तुरंत निलंबित करा चुके है. उस समय मामला कुछ अलग था, जनता की सुरक्षा से नहीं बल्कि मंत्रीजी की असुविधा से सम्बंधित था. कुछ प्रदर्शनकारी सुशिल कुमार शिंदे के घर में दाखिल हो पाए इसके लिए 13 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया था. मंत्री से मिलने के लिए आये प्रदर्शनकारी उनके घर में दाखिल होने में सफल हो गए इसकी सजा तुरंत 13 पुलिसकर्मियों को दी गई. लेकिन दूसरी और एक विदेशी महिला का बलात्कार, एक महिला को जिन्दा जलाना, रिहायशी इलाको में ड्रग्स और देहव्यापार रोकने में असमर्थ पुलिस कर्मियों को निलंबित करवाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को धरने पर बैठना पड़ता है. यह आज की राजनीति का वीभत्स चेहरा है जहा आम आदमी की सुरक्षा से जादा जरुरी राजनीति है.

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